डिज़िटाइज़ेशन शिक्षा को बदल रहा है, क्या आप का संस्थान तैयार है ?
“टेक्नोलॉजी एक ऐसा माध्यम है जोकि शिक्षा को अध्यापकों और विद्यार्थियों, दोनों के लिए काफी सरल और रोचक बना देता है।”
एक ऐसी दुनिया की कल्पना कीजिये जहाँ कक्षाओं का वजूद ही न हो और अध्यापक दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर विद्यार्थियों को सर्वश्रेस्थ शिक्षा दे रहे हो। क्या आप भी ऐसे ही एक भविष्य की कल्पना से हामी भरते हैं और इसका भागीदार बनना चाहते हैं? या फिर पुराने तौर तरीके की शिक्षा व्यवस्था के साथ रह कर अतीत में ही अटके रहना चाहते हैं जहाँ पढ़ाना और पढ़ना दोनों ही इतना आसान नही?
शिक्षा का भविष्य: प्रणाली का डिज़िटाइज़ेशन एक बेहतर कल के लिए
इंटरनेट ने पिछले कुछ दशकों में दुनिया की कायापलट कर दी है। हमारे खरीददारी करने के तरीके, टैक्सी बुक करने, और यहाँ तक की खाने पीने के सामान को चुटकियों में आर्डर कर पाने की वजह के पीछे भी इंटरनेट का ही हाथ है। बात अगर शिखा की करें तो इंटरनेट ने इसमें में क्रांति लाने का काम आवश्य किया है।
अभी तक शिखा और पढ़ाई की प्रक्रिया पुराने तौर तरीकों से ही चल रही थी। डिज़िटल उपस्तिथि के नाम पर स्कूलों के पास बस एक वेबसाइट मात्र भर ही थी। और तो और ऐसे संस्थानों की संख्या भी बहुत ही कम थी। शिखा के क्षेत्र में डिज़िटाइज़ेशन की प्रक्रिया काफ़ी धीमी है और स्मार्ट क्लासरूम का ट्रेंड भी अभी कुछ वर्षो पुराना ही है।
डिज़िटल शिक्षा क्या है और कैसे यह शिक्षा को परिवर्तित कर रहा है?
हाल ही में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव देखा जा रहा है। डिज़िटल शिक्षा पूरे विश्व के लिए एक वरदान है खासकर विकासशील देशों के लिए।
डिज़िटल शिक्षा के मुख्य 3 तत्व होते हैं:
- अध्ययन सामग्री
- टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म
- वितरण संरचना
भारतीय आईटी सेक्टर में आसानी से उम्दा डिज़िटल कंटेंट और सहायक तकनीकी प्लेटफार्म देने का सामर्थ्य है।
कुछ एडटेक कंपनी बेस्ट इन क्लास समाधान प्रदान करने का काम कर रही हैं।
भारत, जहाँ करोड़ों लोगों के पास मोबाइल फ़ोन हैं, जहाँ 82 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, ऐसी स्तिथि में लोगों को डिज़िटल माध्यम से पढ़ाने का काम व्यापक लगता है। क्लाउड, डाटा सेंटर, और विरचुलाइज़शन जैसे उपकरण की मदद से टेक्नोलॉजी को शिक्षा उद्योग से जोड़ने का सामर्थ्य बहुत है।
डिज़िटल शिखा के फायदे अनेक हैं कम कीमत और पहुंच तो बस उन अनेक फायदों की शुरुआत मात्र है। इस से संस्थानों की आय में बढ़ोतरी के साथ बड़ी संख्या में एनरोलमेंट का लाभ भी मिलेगा। यह विद्यार्थियों के लिए भी काफ़ी फायदेमंद हैं, इस से वे किसी भी वक़्त अपनी गति से सीख और पढ़ सकते हैं। अध्यापकों के लिए भी आगे की रणनीति बनाना आसान हो जाता है। एनीमेशन, गेमिफिकेशन, और विभिन्न ऑडियो वीडियो उपकरण से टीचिंग का कार्य भी एक मज़ेदार अनुभव बन जाता है।
डिज़िटल लर्निंग के लाभ
- रिकार्डेड भाषण
डिज़िटल लर्निंग का सबसे बड़ा फायदा है कि इसमें आपकी कक्षाएं रिकॉर्ड कि जाएँगी। इसका मतलब यह कि अगर आप से कभी कुछ टॉपिक छूट जाता हैं या फिर आपको किसी पाठ को पहली बार समझने में परेशानी आयी थी तो आप फिर से उस पूरी क्लास को फिरसे सुन सकते हैं।
- 24 घंटे संसाधन की उपलब्धता
शायद आपको शाम को पढ़ना ज़्यादा पसंद हो, या फिर आपको नींद नही आ रही और आपका मन देर रात पढ़ने का कर रहा है- डिज़िटल लर्निंग से, आपको लाइब्रेरी या फिर लैब के बंद होने के डर से अब परेशान होने कि ज़रूरत नही। आप अपने लाइर्निंग सामग्री तक अब किसी भी समय पहुंच सकते हैं।
- सम्बंधित लर्निंग
अगर आप ऑनलाइन लर्निंग को चुनते हैं तो आप ऑनलाइन लर्नर्स के समुदाय का हिस्सा बन जाते हैं। यदि आपको मदद चाहिए तो ज़ूम, गूगल मीट जैसे उपकरणों के ज़रिये आप अपने सहपाठियों के साथ जुड़कर अपनी समस्याओं का समाधान खोज सकते हैं।
- नियंत्रित प्रगति
आपके अध्यापक आपकी प्रगति पर नज़र रख कर उसको ट्रैक कर सकते हैं और उस हिसाब से आपको आपके मज़बूत व कमज़ोर पक्षों के बारे में जानकरी देकर आपकी मदद कर सकते हैं। इससे अध्यापकों के पास आपके सभी कार्यों का रिकॉर्ड होगा।
- यह मज़ेदार है
और सबसे आखिर में, ऑनलाइन पढ़ाई काफ़ी प्रभावकारी और मज़ेदार है! ऑनलाइन पाठ्य सामग्री काफ़ी मनमोहक होती है जिससे आपका कक्षा में ज़्यादा मन लगता है। आपको मालूम भी नहीं चलेगा कि आपने मज़ा करते करते कितना कुछ नया सीख लिया।
डिज़िटल लर्निंग के उपकरण
संसथान जो एडनीड के साथ डिजिटाइज़ हुए, उन्हें दो अलग वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग प्लेटफार्म का सपोर्ट मिलता है। इन्हे वेब मोड में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- ज़ूम
इस क्लाउड आधारित वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग उपकरण के ज़रिये ऑनलाइन क्लास लेना काफ़ी आसान बन जाता है। विद्यार्थी और अध्यापक रज़ामंदी से किसी भी वक़्त कक्षा रख सकते हैं, इसके अलावा इस उपकरण कि वीडियो क़्वालिटी भी बेहद ख़ास हैं जोकि हर किसी के अनुभव को अलग स्तर तक पंहुचा देता है।
- गूगल मीट
यह शिक्षकों के लिए अपने विद्यार्थियों से लाइव वीडियो के ज़रिये जुड़ने का सबसे तेज़ और आसान तरीका है। शिक्षक इसके माध्यम से अनुदेश दे सकते हैं, सामूहिक चर्चा करवा सकते हैं। इसके अलावा शिक्षक और विद्यार्थी दोनों एडनीड कि मुफ्त सामुदायिक लर्निंग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
निष्कर्ष
शिक्षा प्रणाली निरंतर बदलाव कि ओर अग्रसर है और यह डिज़िटल लर्निंग के इर्द-गिर्द ही घूमने वाली है। ज़्यादातर शिक्षक और विद्यार्थी एक बेहतर भविष्य का सपना संपन्न करने के लिए डिज़िटाइज़ेशन के पक्ष में दिखाई प्रतीत होते हैं। सभी शिक्षा संस्थानों और स्कूलों के लिए डिज़िटल लर्निंग का इस्तेमाल करना आज के वक़्त काफ़ी ज़रूरी बन गया हैं, इस से विद्यार्थियों के बेहतर कल और आने वाले समय में उनकी डिज़िटल विश्व को समझने कि क्षमता का विकास होना सुनिश्चित है।